इतिहास
राजगीर एक ऐसा पौराणिक स्थल है जिसकी स्थापना 200 ईसा पूर्व यानि लगभग 400 साल पहले हुयी थी यहाँ स्थित विभिन्न दर्शन स्थल यात्रियों को बिहार ही नहीं अपितु भारत के एतिहासिक , धार्मिक एम्वं सांस्कृतिक पहलुओं से अवगत करते हैं | यह बौद्ध, हिंदू, जैन, इस्लाम और सिखों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। प्राचीन काल में राजगीर को कई नामों से जाना जाता था जैसे कुसुमती, वृद्धपेसधर पुर, गिरिवर्ज और कुशागेरपुर, रामायण में बजरपति नाम मिलता है। अन्य बौद्ध स्थलों की तरह इस स्थल की खोज का श्रेय भी अलेक्जेंडर कनिंघम को दिया जाता है। उन्होंने यहां पहली खुदाई 1861-1862 में की थी।